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Rewari : धारूहेड़ा हादसे में श्रमिकों की दर्दनाक मौत को लेकर AIUTUC ने निकाला जुलूस

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Rewari Factory Blast : लाइफ लांग कंपनी में हुए दर्दनाक हादसे के विरोध में और सरकार के उदासीन रैवये के खिलाफ शहर में जुलूस निकाल कर उपायुक्त की मार्फत मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन से पहले नेहरू पार्क में मृतक श्रमिको को दो मिनट का मौन करके श्रद्धाजलि अर्पित की, जिसमें वकीलों समेत काफी संख्या में सामाजिक संगठनों, प्रबुद्ध नागरिको ने हिस्सा लिया।

Rewari Factory Blast

पहले भी दो बार फट चूका था बॉयलर

केंद्रीय ट्रेड यूनियन AIUTUC के राज्य प्रधान कामरेड राजेन्द्र सिंह एडवोकेट ने प्रदर्शनकरियो को संबोधित करते हुए कहा कि यह हादसा अनायास नही हुआ है बल्कि इस हादसे की जानकारी प्रबंधक कंपनी को पहले से ही थी, क्योकि तीन बॉयलर की जगह केवल एक ही बॉयलर काम कर रहा था और उसकी भी लंबे समय से सर्विस नही करवाई गई थी।
श्रम विभाग के अधिकारी आंख बंद करके बैठे रहे जबकि श्रमिक श्रम विभाग को इस बारे शिकायत कर चुके थे। कंपनी की तरफ से श्रमिको को सावधानी परिधान और सुरक्षा किट इत्यादि उपलब्ध नही करवाए गए, जबकि ये सब मांगे श्रमिक प्रबधक के सामने उठाते आ रहे थे। बॉयलर भी दो बार पहले फट चुका था।

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Rewari Factory Blast/ AIUTUC

10 श्रमिको की हो चुकी है मौत

कामरेड राजेन्द्र सिंह ने कहा कि एक के बाद एक 10 श्रमिको की मौत हो चुकी है और यह सिलसिला जारी है ।इस हादसे से हर कोई नागरिक दुखी है। कंपनी के श्रमिकों की आखो में आंसू है, उनके साथ काम करने वाले उनकी आंखों के सामने से ही एक के बाद जा रहे है। परन्तु कंपनी एक दिन भी बंद नही हुई। मुनाफा खोरी व्यवस्था की यही बर्बता और असभ्यता हैं। प्रबंधक श्रमिको को गाजर मूली समझते है जो हर रोज मंडी में नई आ जाती है। इनके लिए श्रमिको का यही महत्व हैं।

ज्ञापन में की गई मांगें

ज्ञापन में मांग की गई कि प्रबंधक के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया जाए। मृतक के परिवारजनों को एक एक करोड़ और घायलों को 50 लाख मुवावजा दिया जाए। मृतक के परिवार जन को स्थायी नोकरी दी जाए। ऐसी घटनाओं की पुनरावर्ती ना हो, उसके लिए कारगर कदम उठाए जाएं। श्रम विभाग की भूमिका की भी जांच की जाए। किसान नेता अशोक कुमार मूसेपुर रामकुमार निमोठ, राकेश कुमार अमर सिंह राजपुरा, अमृत लाल, करण सिंह, मनोज यादव, सोमेंद्र यादव, सुरेन्द्र रोहिला, सोनपाल, जोगिंदर, सूर्यकांत, बीर सिंह, अमित, आयुष सुनीता एडवोकेट्स इत्यादि मुख्य रूप से शामिल थे।

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