ज्योतिषीय विश्लेषण: अनियमित मासिक धर्म और संतान बाधा

वर्तमान दौर में महिलाओं में मासिक धर्म और संतानोत्पत्ति को लेकर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं महिलाओं को कई प्रकार की अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। कई बार उचित दिनचर्या का पालन ना करने और खानपान का उचित ध्यान ना देने के कारण भी ऐसी समस्याएं सामने आने लगती हैं।

Created By : Sapna on :05-09-2022 10:15:59 प्रतीकात्मक खबर सुनें

वर्तमान दौर में महिलाओं में मासिक धर्म और संतानोत्पत्ति को लेकर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं महिलाओं को कई प्रकार की अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। कई बार उचित दिनचर्या का पालन ना करने और खानपान का उचित ध्यान ना देने के कारण भी ऐसी समस्याएं सामने आने लगती हैं। वहीं कुण्डली में मौजूद ग्रह योग के कारण भी कई बार महिलाओं को अनयमित मासिक धर्म और संतानोत्पत्ति में दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है। तो आइए जानते हैं कुण्डली में मौजूद किन योगों के कारण महिलाओं को ऐसी स्थिति से गुजरना पड़ता है।
तृतीय भाव में कोई त्रिक भाव का स्वामी हो तथा द्वितीय और तृतीय कारक कहीं पर भी रोग भाव के स्वामी के साथ हो तो ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ता है।
तृतीय भाव पापकर्तरी योग में हो और तृतीयेश षष्ठ भाव में हो तो भी महिलाओं के जीवन में ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
तृतीय भाव का स्वामी खल कर्त्तरी योग में हो तथा षष्ठ का स्वामी तृतीय भाव में हो अथवा तृतीय भाव पर दृष्टि रखते हो तो महिलओं को संतानोत्पत्ति में बाधा होती है।
तृतीय भाव का स्वामी अष्टमेश से युक्त होकर षष्ठ भाव में हो तो महिलाओं में ऐसी ही बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं।
क्षीण चंद्र आप दृष्टि हो, तृतीयेश कोई त्रिक भाव में हो तथा मंगल अपने नीच राशि या शत्रु राशि में हो तो भी महिलाओं में कई प्रकार की परेशानी उत्पन्न हो जाती है।
तृतीय व तृतीय कारक मंगल कहीं पर भी रोग भाव का स्वामी से युक्त अथवा दृष्ट हो तो भी महिलाओं में कई प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते हैं ।
उपरोक्त 6 ग्रह योग के अतिरिक्त अन्य तरह से यदि तृतीय भाव और तृतीयेश पीड़ित हो तो भी हाइपोथाइरॉएडिज्म का रोग होता है।
जिन लोगों को हाइपोथाइरॉएडिज्म का रोग है उन्हें दाहिने कान का रोग, के साथ-साथ छोटे भाई बहन का सुख का अभाव पराक्रम का अभाव भी रहता है।
Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Desh Rojana Portal किसी भी अंधविश्वास और इन तथ्यों की किसी प्रकार से कोई पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों पर अमल करने से पहले संबंधित ज्योतिषी, आचार्य तथा विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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