बायकॉट बॉलीवुड ट्रेंड और शेट्टी की पीड़ा
दरअसल, बात यह है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिवसीय मुंबई यात्रा पर हैं। उन्होंने कई फिल्मी हस्तियों से मुलाकात की है जिनमें सुनील शेट्टी, राजपाल यादव, सुभाष घई, जैकी श्राफ, राजकुमार संतोषी, मनमोहन शेट्टी, बोनी कपूर, सोनू निगम, कैलाश खेर जैसी कई फिल्मी हस्तियां शामिल हैं।
Created By : ashok on :07-01-2023 15:15:51 संजय मग्गू खबर सुनें
संजय मग्गू
आज प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता सुनील शेट्टी सोशल मीडिया से लेकर विभिन्न टीवी चैनलों पर चर्चा का विषय बने हुए हैं। मुंबई में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंच पर कही गई उनकी बातों को फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मंचों पर खूब शेयर किया जा रहा है। दरअसल, बात यह है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिवसीय मुंबई यात्रा पर हैं। उन्होंने कई फिल्मी हस्तियों से मुलाकात की है जिनमें सुनील शेट्टी, राजपाल यादव, सुभाष घई, जैकी श्राफ, राजकुमार संतोषी, मनमोहन शेट्टी, बोनी कपूर, सोनू निगम, कैलाश खेर जैसी कई फिल्मी हस्तियां शामिल हैं। इस मुलाकात के पीछे एजेंडा यह बताया गया कि नोएडा में स्थापित फिल्म सिटी में फिल्मों की शूटिंग और पूंजी निवेश पर चर्चा हो। कुछ लोग इसमें पूंजी निवेश करें ताकि फिल्म सिटी को भव्य रूप दिया जा सके।
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योगी से मुलाकात के दौरान सुनील शेट्टी ने इन दिनों ट्वीटर पर चल रहे ‘बायकॉट बॉलीवुड’ को लेकर अपनी पीड़ा व्यक्त की। उनका कहना है कि बॉलीवुड ने हमेशा बुरा ही नहीं किया है। यह हो सकता है कि बॉलीवुड में कोई रोटन एप्पल (सड़ा सेब) हो, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि यहां हर आदमी बुरा है और वह बुरा काम कर रहा है। ट्वीटर पर इन दिनों चल रहे ‘बायकॉट बॉलीवुड’ ट्रेंड को आप रोक सकते हैं। आप यह बात पीएम नरेंद्र मोदी तक पहुंचा सकते हैं।
आप और प्रधानमंत्री मोदी की बात का पूरे देश में असर दिखाई देता है। अगर आप थोड़ी सी रुचि लें, तो बॉलीवुड को बायकॉट करने की यह प्रवृत्ति रुक सकती है। हालांकि जिस तरह सुनील शेट्टी अपनी बात मुख्यमंत्री के सामने रख रहे हैं, वह काबिलेतारीफ है। कुछ लोगों को जरूर सुनील शेट्टी मुख्यमंत्री के सामने गिड़गिड़ाते नजर आ रहे हैं। सुनील शेट्टी का इशारा इन दिनों ट्रेंड कर रहे पठान फिल्म की बायकॉट की ओर था, यह उनकी बात से समझा जा सकता है। लेकिन यह भी सही है कि ऐसे कई मौके आए हैं, जब राजनीतिक विचारधारा के हिसाब से यह तय किया गया है कि अमुक फिल्म को चलने देना है या बायकॉट करना है।
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अगर अपनी विचारधारा के अनुरूप लगी हैं या उनसे राजनीतिक फायदा मिलने की तनिक भी गुंजाइश दिखी है, तो सरकारों ने भी उन फिल्मों को प्रमोट किया है। बहुत ज्यादा दिन नहीं हुए, जब इस देश के बड़े तबके ने वर्ष 2020 में ‘बायकॉट बॉलीवुड’ ट्रेंड की शुरुआत की थी। सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा का बायकॉट किया गया।
इस ट्रेंड से अक्षय कुमार की फिल्म रक्षा बंधन भी नहीं बच सकी। अयाम मुखर्जी की भारी भरकम बजट वाली फिल्म ब्रह्मास्त्र: वन पार्ट शिवा से लेकर अनुराग कश्यप की फिल्म दोबारा, दक्षिण भारत के सुप्रसिद्ध अभिनेता देवरकोंडा अभिनीत लाइगर को भी भारी विरोध झेलना पड़ा। इस बात में कतई संदेह नहीं है कि फिल्मी दुनिया से जुड़े लोगों को अपने दर्शकों को सिनेमा हाल तक ला पाना बहुत मुश्किल हो रहा है। वैसे भी अब दर्शक सिनेमा हाल तक नहीं जा रहे हैं। ऐसे में अगर ‘बायकॉट बॉलीवुड’ चलता रहा, तो बॉलीवुड इंडस्ट्री के बरबाद होने के आसार पैदा हो जाएंगे। इसी बात की ओर अभिनेता सुनील शेट्टी शायद इशारा करने की कोशिश कर रहे थे।