चारधाम यात्रा: प्रदेश की आर्थिकी को मिला बूस्टर डोज

उत्तराखंड में चार धाम यात्रा अपने आखिरी पड़ाव पर है। बाबा केदार और यमुनोत्री धाम के कपाट वीरवार 27 अक्तूबर को विधि विधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस बार कोरोना काल के बाद चार धाम यात्रा की रौनक़ पुनः पटरी पर लौटती हुई नजर आई।

Created By : Manuj on :27-10-2022 20:14:32 प्रतीकात्मक चित्र खबर सुनें

देहरादून

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उत्तराखंड में चार धाम यात्रा अपने आखिरी पड़ाव पर है। बाबा केदार और यमुनोत्री धाम के कपाट वीरवार 27 अक्तूबर को विधि विधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस बार कोरोना काल के बाद चार धाम यात्रा की रौनक़ पुनः पटरी पर लौटती हुई नजर आई। चारधाम यात्रा ने इस वर्ष तमाम रिकॉर्ड तोड़ कर नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इस बार केदारनाथ और यमुनोत्री यात्रा में सिर्फ़ घोड़ा खच्चरों, हेली टिकट और डंडी कंडी के यात्रा भाड़े से लगभग 211 करोड़ के आस- पास कारोबार हुआ है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा के सफल संचालन को लेकर ख़ुशी जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के कथनानुसार आने वाला दशक उत्तराखण्ड का है। उसकी शुरूआत आज से ही हो चुकी है। सीएम ने कहा कि इस बार की चार धाम यात्रा बहुत उत्साहवर्धक रही है। प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिला है। प्रधानमंत्री द्वारा धार्मिक स्थलों पर आने वाले तीर्थ यात्रियों को स्थानीय उत्पादों को ख़रीद पर पांच प्रतिशत खर्च करने के लिए अपील की गई है। आने वाले समय में हम स्थानीय उत्पादों के बिक्री की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।

केदारनाथ में 190 करोड़ का कारोबार
इस वर्ष केदारनाथ यात्रा स्थानीय व्यवसाइयों के लिहाज़ से भी काफ़ी बेहतर रही। सिर्फ़ यात्रा के टिकट, घोड़ा खच्चरों और हेली और डंडी कंडी के यात्रा भाड़े की बात करें तो लगभग 190 करोड़ के आस- पास यह कारोबार हुआ है। केदारनाथ धाम इस बार घोड़े खच्चर व्यवसाइयों ने करीब 1 अरब 9 करोड़ 28 लाख रुपए का रिकॉर्ड कारोबार किया। जिससे सरकार को भी 8 करोड़ रुपए से ज्यादा का राजस्व प्राप्त हुआ। यात्रा सुगम बनाने को लेकर प्रशासन ने 4302 घोड़ा मालिकों के 8664 घोड़े खच्चर पंजीकृत किए थे इस सीजन में 5.34 लाख तीर्थयात्रियों ने घोड़े खच्चरों की सवारी कर केदारनाथ धाम तक यात्रा की। वही डंडी-कंडी वालों ने 86 लाख रुपए की कमाई की और हेली कंपनियों ने 75 करोड़ 40 लाख रुपए का कारोबार किया। इधर सीतापुर और सोनप्रयाग पार्किंग से लगभग 75 लाख का राजस्व सरकार को प्राप्त हुआ। यमुनोत्री में घोड़े खच्चरों वालों का लगभग 21 करोड़ का कारोबार इस साल हुआ है।

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जीएमवीएन की आय 50 करोड़ के क़रीब

इसके अलावा चारधाम यात्रा में यात्रा मार्ग के सभी होटल / होमस्टे, लाज और धर्मशालाएं भी पिछले छः माह तक बुक रही। पिछले सालों तक गढ़वाल मंडल विकास निगम आर्थिक नुकसान झेल रहा था। इस साल अगस्त तक 40 करोड़ की आय कर चुका है। निगम के प्रबंध निदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि यह आंकड़ा 50 करोड़ के करीब जाने का अनुमान है। इसके अलावा चारधाम यात्रा से जुड़े टैक्सी व्यवसाइयों ने भी पिछले सालों की औसत आय से तीन गुना अधिक का कारोबार किया है।

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