BJP के 32 MLA और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू समेत 45 विधायकों के यूपी विधानसभा चुनाव 2022 लड़ने पर संशय

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले एडीआर की रिपोर्ट से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के आधार पर भाजपा के 32 विधायकों समेत कुल 45 मौजूदा विधायक यूपी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। यूपी के इन 45 मौजूदा विधायकों के आगे इनका आपराधिक इतिहास आड़े आ गया है।

Created By : Shiv Kumar on :26-12-2021 19:09:28 संजय मग्गू खबर सुनें

देश रोजाना, पलवल।
यूपी के मौजूदा 396 MLA में से 45 विधायकों के चुनाव लड़ने पर संशय है। एसोसिएट डेमोक्रेटिक रिफार्म यानी कि एडीआर की जारी रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि मौजूदा 45 विधायकों पर एमपी-एमएलए कोर्ट में आरोप तय हो गए हैं। आरपी अधिनियम 1951 की धारा 8(1), (2) और (3) के तहत सूचीबद्ध अपराधों में ये आरोप तय हुए हैं। इन केस में न्यूनतम 6 माह की सजा होने पर ये विधायक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।


एडीआर की ओर से ये रिपोर्ट पहली बार जारी की गई है। यह अहम इस वजह से भी है कि सजा काटने और रिहाई के 6 वर्ष बाद तक विधायक चुनाव नहीं लड़ सकते। वैसे चुनाव लड़ने की पात्रता या अपात्रता तय करने का अधिकार केन्द्रीय चुनाव आयोग के पास है। एडीआर के मुख्य समन्वयक डॉ संजय सिंह ने रिपोर्ट शेयर करते हुए कहा कि इनमें बीजेपी के 32, समाजवादी पार्टी के पांच, बसपा और अपना दल के 3-3 वहीं कांग्रेस का एक विधायक शामिल है। इन 45 विधायकों पर आपराधिक केस लंबित रहने की औसत संख्या 13 साल है। 32 विधायकों पर 10 वर्ष या उससे ज्यादा वक्त से कुल 63 आपराधिक केस लंबित हैं।
इस लिस्ट में टॉप पर मड़िहान विधानसभा से बीजेपी एमएलए रमाशंकर सिंह, दूसरे स्थान पर बसपा के मऊ से मुख्तार अंसारी, तीसरे नंबर पर धामपुर से बीजेपी एमएलए अशोक कुमार राना हैं। यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है।

गंभीर/भयानक/जघन्य प्रकृति क्राइम यानी भारतीय दंड संहिता, 1860 (आईपीसी) के तहत मर्डर, रेप, डकैती, लूट, अपहरण, महिलाओं पर क्राइम, रिश्वत, अनुचित प्रभाव, धर्म, नस्ल, भाषा, जन्म स्थान के आधार पर कई समूहों के बीच शुत्रता जैसे क्राइम शामिल हैं। इसमें भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग, उत्पादन/विनिर्माण/खेती, कब्जा, बिक्री, खरीद, परिवहन, भंडारण और/या किसी भी नशीली दवा के सेवन से जुड़ा क्राइम, जमाखोरी और मुनाफाखोरी से जुड़े क्राइम, भोजन व दवाओं में मिलावट, दहेज आदि से जुड़े क्राइम भी शामिल हैं। कोर्ट से दोषी ठहराए जाने के बाद कम से कम दो वर्ष के कारावास की सजा भी इसमें शामिल है।
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इस आधार परठहराए जानें हैं अयोग्य
-एक्ट की धारा आठ (1) में दोषी ठहराए जाने पर हो जाएगा अयोग्य घोषित।
-धारा 8(2) के तहत कम से कम 6 महीने की सजा के साथ दोषी ठहराए जाने पर आयोग्य घोषित
-धारा 8(3) के तहत 2 वर्ष से कम की सजा के साथ दोषी ठहराए जाने पर अयोग्य घोषित
आपको बता दें कि आरोप तय होने व तयशुदा सजा मिलने के बाद चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किए जाने का नियम पूर्व से ही है, पर अभी तक कई कोर्ट में केस चलते रहते थे। अधिकतर स्थानों पर क्राइम तय करने को टाला जाता था और काफी वक्त तक केस चलने के बाद भी आरोप तय नहीं हो पाते थे। रमा शंकर सिंह एक ऐसा नाम है जिन पर 27 वर्ष से केस चल रहा है पर आज तक आरोप तय नहीं हो सके हैं। मुख्तार असांरी पर 26 वर्ष से केस, अशोक राना पर 25 साल से केस, संजीव राजा पर 24 वर्ष से केस, कारिंदा सिंह पर 23 साल से केस चल रहे हैं। पर आरोप तय नहीं हो रहे थे। इसके अलावा डाटा को भी छिपाया भी जाता था, कह सकते हैं कि किसी अदालत में दोष तय भी हो गया तो प्रत्याशी अपराध को छुपा लेते थे। पर 2018 में उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट की स्थापना हुई व यहां 3 वर्ष की अवधि में ही इन विधायकों के खिलाफ आरोप तय कर लिए गए।
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इन विधायकों के खिलाफ तय हो चुके हैं अपराध
मड़िहान विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक रमा शंकर सिंह,
धामपुर से बीजेपी विधायक अशोक कुमार राणा
मऊ से बसपा विधायक मुख्तार अंसारी
पथरदेवा से भाजपा एमएलए सूर्य प्रताप
अलीगढ़ से भाजपा एमएलए संजीव राजा
गोवर्धन से भाजपा एमएलए कारिंदा सिंह
प्रतापगढ़ से अपना दल विधायक राज कुमार पाल
महसी से भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह
कुंदरकी से सपा विधायक मो रिजवान
शोहरतगढ़ से अपना दल विधायक अमर सिंह
दुद्धी से अपना दल नेता हरिराम
बुढ़ाना से भाजपा नेता उमेश मलिक
मेरठ की किठोर सीट से एमएलए सत्यवीर त्यागी
फिरोजाबाद से भाजपा विधायक मनीष असीजा
लोनी से भाजपा विधायक नंद किशोर
कासगंज से भाजपा के देवेन्द्र सिंह
एटा से भाजपा के वीरेन्द्र
खतौली से भाजपा के विक्रम सिंह
शेखुपुर से भाजपा के धर्मेन्द्र कु सिंह शाक्य
बिथरी चैनपुर से भाजपा के राजेश मिश्र
पूरनपुर से भाजपा के बाबू राम
मेहरौनी से भाजपा के मनोहर लाल
चरखारी से भाजपा के बृजभूषण
नरैनी बांदा से राजकरन
रानीगंज से भाजपा के अभय कुमार
मेंहदावल से भाजपा के राकेश कुमार
रुधौली से भाजपा के संजय प्रताप जायसवाल
रुदौली से भाजपा के राम चंद्र यादव
मिल्कीपुर से भाजपा के गोरखनाथ
गोसाईगंज से भाजपा के इंद्र प्रताप
कर्नलगंज से भाजपा के अजय प्रताप
मोहम्मदाबाद गोहना से भाजपा के श्रीराम
बलिया से भाजपा के आनंद
सैयदरजा से भाजपा के सुशील सिंह
वाराणसी उ से भाजपा के रवीन्द्र जायसवाल
राबर्ट्सगंज से भाजपा के भूपेश कुमार
गोविंदनगर से भाजपा के सुरेन्द्र मैथानी
धोलना से बसपा के असलम अली
भिनगा से बसपा के मो असलम
तमकुहीगंज से कांग्रेस विधायक अजय कुमार लल्लू
ज्ञानपुर से अन्य दल विजय कुमार
गौरीगंज से सपा के राकेश प्रताप सिंह
शाहगंज से सपा के शैलेन्द्र यादव ललई
सकलडीहा से सपा के प्रभुनाथ यादव
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एडीआर ने की ये अपील
एडीआर व यूपी इलेक्शन वॉच मुख्य समन्वयक संजय सिंह ने सियासी दलों से अपील की है कि वो इन सभी विधायकों को टिकट नहीं दें। हमने सिफारिश की है कि जघन्य क्राइम में आरोप सिद्ध होने के बाद चुनाव लड़ने पर स्थायी तौर से रोक लगाई जाए।

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