करवा व्रत के दिन पति-पत्नी ना बनाएं शारीरिक संबंध, वरना...
हिन्दू धर्म में व्रत उपवास के दौरान शारीरिक संबंध बनाना तो दूर, इस दिन गलत विचार भी मन में लाना वर्जित माना जाता है। वहीं हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में भी यह बताया गया है कि, व्रत और उपवास चाहें कोई सा भी हो, करवा चौथ का हो या नवरात्रि का महापर्व हो, ऐसे में शारीरिक संबंध बनाना या किसी भी स्त्री-पुरूष के प्रति गलत विचार मन में लाना वर्जित होता है।
Created By : Amit on :28-09-2022 20:13:12 प्रतीकात्मक खबर सुनेंहिन्दू धर्म में व्रत उपवास के दौरान शारीरिक संबंध बनाना तो दूर, इस दिन गलत विचार भी मन में लाना वर्जित माना जाता है। वहीं हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में भी यह बताया गया है कि, व्रत और उपवास चाहें कोई सा भी हो, करवा चौथ का हो या नवरात्रि का महापर्व हो, ऐसे में शारीरिक संबंध बनाना या किसी भी स्त्री-पुरूष के प्रति गलत विचार मन में लाना वर्जित होता है। तो आइए जानते हैं करवा चौथ की रात्रि में पति-पत्नी को कैसे रहना चाहिए और उन्हें एक-दूसरे के करीब आना चाहिए या नहीं आना चाहिए।
अब करवा चौथ का व्रत आने ही वाला है और हिन्दू धर्म को मानने वाली सभी सुहागन महिलाएं इस दिन व्रत करके अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर 2022, दिन गुरूवार को रखा जाएगा। वहीं करवा चौथ का व्रत भी दूसरे व्रतों की तरह ही मनाया जाता है और यह व्रत अपने पति की दीर्घायु और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना से किया जाता है। इस व्रत में सुहागन महिलाएं निर्जला व्रत करके पूरे दिन उपवास करती हैं और रात्रि में चंद्रमा निकलने पर चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं। वहीं इस व्रत के दौरान पूरी स्वच्छता और पवित्रता का ध्यान रखा जाता है। यह व्रत भगवान गणपति को समर्पित होता है और इस दिन भगवान गणेश के साथ में माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन महिलाओं को पूरा दिन निराहार रहकर भगवान गणेश को याद करना होता है। वहीं पत्नी गणपति जी से अपने पति की आयु को लंबी करने के लिए प्रार्थना करती है। इसीलिए हिन्दू धर्म में किसी भी धार्मिक कार्य में और किसी भी व्रत में शारीरिक संबंध बनाना या पति-पत्नी को एक-दूसरे के करीब आने की मनाही की गई है। जो भी व्रत अन्य व्रत और उपवास में लागू होते हैं, वहीं नियम करवा चौथ व्रत में भी लागू किए गए हैं।
करवा चौथ व्रत में शारीरिक संबंध बनाना या पति-पत्नी को एक-दूसरे के करीब आना आपको पाप का भागीदार ही बनाता है। अगर आप लोग ऐसा करते हैं तो आपका व्रत भंग हो जाता है। क्योंकि रात्रि के दौरान 12 बजे तक वहीं तारीख रहती है और वहीं दिन चलता है।
वहीं अगर पति-पत्नी की शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा है तो आप पंचमी तिथि में एक-दूसरे के करीब आ सकते हैं, लेकिन करवा चौथ के दिन चतुर्थी तिथि में आपका ऐसा सोचना भी आपके ऊपर भारी पड़ सकता है और गजानन आपसे नाराज हो सकते हैं। क्योंकि पंचमी तिथि को दूसरा दिन माना जाता है और इस तिथि में आपके ऊपर व्रत और उपवास के नियम लागू नहीं हो सकते हैं। इसीलिए अगर आपकी एक-दूजे के करीब आने की इच्छा है तो आप चतुर्थी तिथि को व्रत के पूरे नियमों का पालन करें और पंचमी तिथि को इंजॉय करने के लिए चुनें। ऐसा करने से आप पाप के भागीदार होने से बच जाएंगे और जीवन का भरपूर आनंद भी लेंगे।