बजट में सबको साधने का प्रयास
टैक्स मुक्त आय सीमा बढ़ाकर सात लाख रुपये सालाना कर दी गई है। सरकार ने महिलाओं के लिए विशेष बचत योजना का ऐलान किया है। मोटे अनाज को ‘श्री अन्न’ के नाम से एक नई पहचान देते हुए सरकार ने विश्वास जताया कि दुनिया भर में मशहूर इस ‘सुपर फूड’ का उत्पादन बढ़ने से गरीबों, छोटे किसानों एवं आदिवासियों को आर्थिक मजबूती मिलेगी।
Created By : ashok on :02-02-2023 16:50:51 संजय मग्गू खबर सुनें
संजय मग्गू
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2023-24 संसद में पेश कर दिया। इस बहु-प्रतीक्षित बजट से जन सामान्य को काफी उम्मीदें थीं। कोशिश भी यही हुई कि सभी को कुछ न कुछ दिया जाए। सबसे बड़ी सौगात सरकारी-गैर सरकारी नौकरीपेशा लोगों को मिली।
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टैक्स मुक्त आय सीमा बढ़ाकर सात लाख रुपये सालाना कर दी गई है। सरकार ने महिलाओं के लिए विशेष बचत योजना का ऐलान किया है। मोटे अनाज को ‘श्री अन्न’ के नाम से एक नई पहचान देते हुए सरकार ने विश्वास जताया कि दुनिया भर में मशहूर इस ‘सुपर फूड’ का उत्पादन बढ़ने से गरीबों, छोटे किसानों एवं आदिवासियों को आर्थिक मजबूती मिलेगी। देश में स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार के लिए बजट में 88 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
कृषि स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए कृषि कोष स्थापित किया जाएगा, जिससे युवा उद्यमियों को प्रोत्साहन मिले। पीएम कौशल विकास योजना के चौथे चरण के तहत तीस स्किल सेंटर स्थापित करने का फैसला लिया गया है। रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। रक्षा बजट भी बढ़ाया गया है। मूर्तिकारों एवं शिल्पकारों को भी प्रोत्साहित करने का प्रयास किया गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर पर 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश का फैसला लिया गया है,
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जो निश्चित तौर पर रोजगार के नए अवसरों का सृजन करने में सहायक साबित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे अमृत काल का पहला बजट बताते हुए आशा व्यक्त की है कि यह विकसित भारत का विराट संकल्प पूरा करने के लिए एक मजबूत नींव का निर्माण करेगा।
अब सवाल यह है कि क्या कुछ और होना चाहिए था? बजट में महंगाई और बेरोजगारी जैसे अहम मुद्दों पर कोई खास चर्चा देखने को नहीं मिलती। मुफ्त में मिलने वाला सरकारी राशन भी एक वर्ग विशेष के लिए है, जबकि देश की आबादी में एक हिस्सा वह भी है, जो न इस वर्ग विशेष आता है और न उसके पास आय के पर्याप्त साधन हैं। महंगाई चरम पर है, रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। बेकारी का जो आलम है, वह किसी से छिपा नहीं है। लेकिन, शायद सरकार का ध्यान इस तरफ नहीं गया। खैर, मोदी 2.0 सरकार के इस बजट का स्वागत होना चाहिए।