संकट में घिरते जा रहे गौतम अदाणी
इस तरह से देखें, तो सेबी और आरबीआई ने भी गौतम अदाणी ग्रुप पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
Created By : ashok on :03-02-2023 16:17:11 संजय मग्गू खबर सुनेंसंकट में घिरते जा रहे गौतम अदाणी
संजय मग्गू
आखिर वही हुआ जिसकी आशंका कई दिनों से व्यक्त की जा रही थी। आरबीआई ने देश के कई लगभग सभी सरकारी बैंकों को दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा है कि वे जल्दी से जल्दी अदाणी ग्रुप की कंपनियों को दिए गए कर्ज की जानकारी तत्काल मुहैया कराएं।
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वहीं भारत का मार्केट रेगुलेटर सेबी यानी भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने भी अदाणी इंटरप्राइजेज की तमाम कंपनियों की जांच शुरू कर दी है। इस तरह से देखें, तो सेबी और आरबीआई ने भी गौतम अदाणी ग्रुप पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। कल यानी बुधवार की देर रात को जब गौतम अडानी ने 20 हजार करोड़ रुपये में सबस्क्राइब हो चुके एफपीओ यानी फॉलो आॅन पब्लिक आॅफर को रदद् करने की घोषणा की, तो निवेशकों के साथ-साथ भारत और विदेशी बाजार जगत को चौंकना स्वाभाविक था। अदाणी ने रात में पीएफओ को रद्द करने की घोषणा करते हुए जो कुछ कहा है, वह किसी की समझ में नहीं आ रहा है।
एक आशंका यह व्यक्त की जा रही है कि सेबी एफपीओ के सबस्क्रिप्शन को लेकर भी जांच करने जा रही है। चूंकि इसमें रिटेलर निवेशकों के बजाय संस्थागत निवेशकों ने सबसे ज्यादा निवेश किया है, इसलिए अदाणी ग्रुप के एफपीओ में ब्लैकमनी के निवेश की आशंका है। इसी आशंका के मद्देनजर अदाणी ग्रुप ने एफपीओ को ही रद्द कर देना उचित समझा। हालांकि यह एक आशंका ही है। संभव है कि एफपीओ में जिन लोगों ने निवेश किया है, उनके हितों को सुरक्षित रखने के लिए ही यह कदम उठाया गया हो क्योंकि एफपीओ जारी करने के एक दिन बाद इसके शेयर एक हजार रुपये तक गिर गए थे और चूंकि अभी निवेशकों को शेयर जारी नहीं किए गए हैं, इसलिए निवेशकों को घाटे से बचाने के लिए यह कदम उठाया गया हो। लेकिन बाजार में जो चर्चाएं हो रही हैं, वह अदाणी ग्रुप के पक्ष में नहीं जाती हैं।
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अभी कल ही यानी बुधवार को स्विटजरलैंड के एक बैंक क्रेडिट सुइस ने अदाणी ग्रुप की कंपनियों के बांड की लैंडिंग वैल्यू शून्य घोषित कर दी। ब्लूमबर्ग के मुताबिक अब क्रेडिट सुइस ने कहा है कि वह अपने ग्राहकों को अदानी समूह की कुछ कंपनियों के बॉन्ड्स गिरवी रखने पर कर्ज नहीं देगा। यह अदाणी ग्रुप की कंपनियों के लिए बहुत बड़ा झटका था। दरअसल, अदाणी ग्रुप इन दिनों जिस झंझावात से घिरा हुआ है,
उस स्थिति से तभी उबर सकता है, जब वह अपने देशी और विदेशी निवेशकों का विश्वास हासिल करने में सफल हो जाए। इसके लिए जरूरी है कि केंद्र सरकार इस मामले में अपना पक्ष रखे और अदाणी ग्रुप को क्लीन चिट दे। या फिर सेबी और आरबीआई की जांच में वे पाक-साफ होकर उबरें। इस मामले में केंद्र सरकार ने एकदम से चुप्पी साध रखी है। जिस तरह अदाणी ग्रुप के एफपीओ में अबुधाबी के शाही परिवार की नेशनल होल्डिंग कंपनी, कुछ अमीरों की निजी फर्मों और सज्जन जिंदल आदि ने पैसे का निवेश किया है, उससे अदाणी पर निवेशकों का विश्वास जम नहीं रहा है। यदि एकाध दिन यही हाल रहा, तो निश्चित रूप से अडाणी ग्रुप को काफी बड़े संकट का सामना करना पड़ सकता है। उस पर तो अब सेबी और आरबीआई की भी तलवार उनके सिर पर लटकने लगी है। खुदा न खास्ता, यदि इन दोनों सरकारी संस्थानों की रिपोर्ट अदाणी ग्रुप के खिलाफ हुई, तो....?