जीवन में गंभीर समस्याएं उत्पन्न करता है कालसर्प योग, पंडित जी से जानें कैसे बनता है कुण्डली में ये योग
कालसर्प योग एक ऐसा योग है जिसके प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। वहीं कुछ लोगों के लिए यह योग फायदेमंद भी होता है। सामान्यत: इस योग के प्रभाव से अधिकांश लोगों को परेशानियों का ही सामना करना पड़ता है।
Created By : Mukesh on :26-08-2022 09:23:50 प्रतीकात्मक खबर सुनेंकालसर्प योग एक ऐसा योग है जिसके प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। वहीं कुछ लोगों के लिए यह योग फायदेमंद भी होता है। सामान्यत: इस योग के प्रभाव से अधिकांश लोगों को परेशानियों का ही सामना करना पड़ता है। इसी वजह से इसे अशुभ योग माना जाता है। तो आइए जानते हैं प्रसिद्ध ज्योतिषी और कथा व्यास अर्जुन पंडित जीसे इस योग के बारे में…
ज्योतिष के अनुसार कुंडली में राहु और केतु की अलग स्थितियों की वजह से ही कालसर्प योग बनता है। जब सभी ग्रह (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि) राहु और केतु के मध्य आ जाए तब कालसर्प योग बन जाता है।
1. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में जब सभी ग्रह लग्न भाव से सप्तम भाव के मध्य हो तब भी कालसर्प योग बनता है।
2. जब सभी ग्रह द्वितीय भाव से अष्टम भाव के मध्य स्थित हो तो कालसर्प योग बन सकता है।
3. जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रह तृतीय भाव से नवम भाव के मध्य आ जाए तो कालसर्प योग होता है।
4. किसी व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रह चतुर्थ भाव से दशम भाव के मध्य स्थित हो तो यह योग बनता है।
5. जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रह षष्ठम भाव से द्वादश भाव के मध्य आ जाए तो कालसर्प योग बनता है।
जिन लोगों की कुंडली में अशुभ फल देने वाला कालसर्प योग रहता है उन्हें कड़ी मेहनत के बाद उचित प्रतिफल प्राप्त नहीं हो पाता है। इसके अलावा घर-परिवार, समाज में सम्मान की प्राप्ति नहीं होती।
Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Desh Rojana Portal किसी भी अंधविश्वास और इन तथ्यों की किसी प्रकार से कोई पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों पर अमल करने से पहले संबंधित ज्योतिषी, आचार्य तथा विशेषज्ञ से संपर्क करें।