अध्यापकों की भर्ती समय पर नहीं होने से हुआ बच्चों का नुकसान
स्कूल चाहे सरकारी हो या निजी, नौनिहालों के लिए किसी मंदिर से कम महत्व नहीं रखता है। स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापक ही उनके भविष्य की आधारशिला रखते हैं।
Created By : ashok on :27-11-2022 15:21:00 संजय मग्गू खबर सुनेंसंजय मग्गू
स्कूल चाहे सरकारी हो या निजी, नौनिहालों के लिए किसी मंदिर से कम महत्व नहीं रखता है। स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापक ही उनके भविष्य की आधारशिला रखते हैं। यदि स्कूलों में पर्याप्त अध्यापक ही नहीं होंगे, तो बच्चे अपने भविष्य को कैसे सुधारेंगे? हरियाणा में कई स्कूलों में अध्यापकों की भारी कमी है। प्रदेश में शिक्षकों की भारी कमी को दूर करने का प्रयास मनोहर सरकार कर रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर की घोषणा के अनुसार कुछ ही दिनों में प्रदेश में 12 हजार शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।
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मनोहर लाल का तो यह भी कहना है कि उन्होंने 2073 पीजीटी और टीजीटी अध्यापकों की नियुक्त कर दिया है। उन्हें स्कूल भी एलाट कर दिए गए हैं। जल्दी ही बेसिक ट्रेंड टीचर्स की भी भर्ती कर दी जाएगी। ऐेसे में सवाल यह है कि आखिर ऐसी स्थिति क्यों पैदा हुई? हर काल सेवानिवृत्त होने वाले अध्यापकों की जगह भर्ती क्यों नहीं की गई? बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ क्यों किया गया। सरकार ने समय रहते अध्यापकों की भर्ती क्यों नहीं की। यदि सरकार पहले से सजग रहती तो स्कूलों में अध्यापकों की कमी नहीं होती। सरकारों ने पिछले कई दशकों से यह रवैया बना रखा है कि जब भी स्कूलों में अध्यापकों की कमी को लेकर अभिभावक और अन्य सामाजिक संस्थाएं हो हल्ला नहीं मचाते हैं, तब तक सरकार की नींद ही नहीं टूटती है। इस बार भी ऐसा ही हुआ है।
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पिछले काफी दिनों से अभिभावक अध्यापकों की कमी को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे थे। तब जाकर सरकार की नींद टूटी है। आनन फानन में शिक्षा विभाग से सरकारी स्कूलों में अध्यापकों के खाली पदों का ब्यौरा मंगाकर सरकार हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग और हरियाणा लोक सेवा आयोग को नियुक्ति संबंधी मांगपत्र भेजा है। प्रदेश सरकार पहले भी कई अवसरों पर सरकारी स्कूलों में अध्यापकों के रिक्त पदों पर भर्ती का आश्वासन दे चुकी है। लेकिन ऐसा हुआ नहीं है। अब प्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने दावा किया है कि पंद्रह दिनों में 12 हजार पदों पर अध्यापकों की भर्ती हो जाएगी। यदि प्रदेश सरकार आगामी पंद्रह दिनों में अध्यापकों की कमी को दूर करने में सफल हो जाती है, तो यह वाकई एक उपलब्धि होगी। वैसे इसकी उम्मीद कम ही नजर आ रही है।