जनादेश ने बढ़ाया भाजपा का हौसला
वहीं मेघालय में कोई भी दल सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है। त्रिपुरा में पिछली बार की तरह इस चुनाव में भी भाजपा ने अकेले दम पर बहुमत हासिल किया। उक्त तीनों राज्यों में विधानसभा की 60-60 सीटें हैं।
Created By : ashok on :04-03-2023 15:59:01 संजय मग्गू खबर सुनें
संजय मग्गू
तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने हैं। पूर्वोत्तर की जनता जनार्दन ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी एवं उसके सहयोगी दलों को खुला समर्थन दिया है। त्रिपुरा में भाजपा ने 32 सीटों के साथ शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी वापसी सुनिश्चित की है। नगालैंड में भी 12 सीटों के साथ उसकी यथास्थिति बरकरार है। वहीं मेघालय में कोई भी दल सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है। त्रिपुरा में पिछली बार की तरह इस चुनाव में भी भाजपा ने अकेले दम पर बहुमत हासिल किया। उक्त तीनों राज्यों में विधानसभा की 60-60 सीटें हैं।
ये भी पढ़ें
खुले में शौच की शर्मिंदगी झेलने को मजबूर आधी आबादी
इस बार त्रिपुरा में भाजपा को 32 एवं सहयोगी दल को एक सीट मिली है। पिछली बार भाजपा ने यहां इंडियन पीपुल्स फ्रंट आॅफ त्रिपुरा के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। नगालैंड की 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा एवं सहयोगी दलों को 37 सीटें मिली हैं। यहां भाजपा गठबंधन की सरकार बनना लगभग तय है। मेघालय में भाजपा को सिर्फ दो सीटें मिलीं। यहां एनपीपी को 26, कांग्रेस को पांच एवं अन्य को 26 सीटें मिली हैं। वैसे, मेघालय में कोनराड संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी सरकार बनाएगी, लेकिन भाजपा के सहयोग से। इसके लिए संगमा ने प्रयास नतीजे आने के साथ ही शुरू कर दिए हैं। पूर्वोत्तर के नतीजे यह बताते हैं कि इस इलाके से कांग्रेस के पैर बहुत तेजी के साथ उखड़ रहे हैं। त्रिपुरा में इस बार वामदलों को भी तगड़ा झटका लगा है।
पूर्वोत्तर के नतीजे कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी के समान हैं, क्योंकि हाल में राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के जरिये पूरे देश में हलचल मचाई थी। आश्चर्य की बात यह है कि उक्त यात्रा का पूर्वोत्तर की जनता पर कोई असर देखने को नहीं मिला। कुल मिलाकर नतीजे यह बताते हैं कि आने वाले दिनों में भाजपा की स्थिति राष्ट्रीय स्तर पर पहले से कहीं ज्यादा मजबूत होगी। इसी साल राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक एवं तेलंगाना में भी राज्य विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं। जाहिर है कि इन चुनावों में भाजपा पूरे जोशोखरोश के साथ मैदान में उतरेगी और उसे फायदा भी होगा। पूर्वोत्तर एवं इन पांच राज्यों के चुनावी नतीजे हर राजनीतिक दल के लिए मिशन 2024 की रणनीति का आधार बनेंगे। ऐसे में, देश की नजरें इन विधानसभाओं के चुनाव पर लगी हुई थीं। अब जबकि नतीजे आ चुके हैं, तो कांग्रेस समेत विभिन्न दलों को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार की जरूरत है।