अतिथि के आवभगत में बरती लापरवाही

वैसे तो मध्य प्रदेश सरकार गाहे-बगाहे अतिथि देवो भव का राग अलापती रहती है, लेकिन जब अतिथि आता है, तो उसको बैठने के लिए सीट तक नहीं मिलती है

Created By : ashok on :12-01-2023 15:54:48 संजय मग्गू खबर सुनें


संजय मग्गू

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आज यानी बुधवार से इंदौर में विदेशी निवेशक सम्मेलन शुरू हो गया है। इसमें वही लोग शामिल हैं जो प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शामिल हुए थे। तीन दिन तक चला प्रवासी भारतीय सम्मेलन अपने मूल उद्देश्य को लेकर चर्चा में नहीं रहा, लेकिन इस दौरान हुई अव्यवस्था देश भर में सुर्खियों में रही। यह सभी जानते हैं कि प्रवासी भारतीयों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी लोकप्रिय हैं। उनके ही आश्वासन और भरोसे पर दुनिया भर से प्रवासी भारतीय सम्मेलन में भाग लेने लोग पहुंचे थे

दो दिन तक चले इस सम्मेलन के लिए तीन हजार प्रतिनिधियों ने पंजीकरण कराया था। दुनिया भर से लोग बड़े उत्साह और पूंजी निवेश का मन बनाकर आए थे। प्रधानमंत्री मोदी को सम्मेलन का उद्घाटन करना था, लेकिन इंदौर के कन्वेंशन सेंटर पर जब प्रवासी भारतीय पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि अंदर जगह नहीं बची है, आप लोग अंदर जो कुछ भी हो रहा है, उसे टीवी पर देख लें। इस पर प्रवासी भारतीय भड़क उठे। कुछ लोगों ने विरोध स्वरूप बेरिकेड तोड़ दिए। कुछ लोग तो भीतर भी घुस गए और उन्होंने अंदर बैठे प्रवासी भारतीयों से बाहर आने की अपील की। कार्यक्रम स्थल में प्रवेश न पाने वाले प्रवासियों की संख्या सैकड़ों में थी।

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असहमति को सकारात्मक लें

प्रवासी भारतीयों का भड़क उठना स्वाभाविक भी था। अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड जैसे देशों से हजारों रुपये खर्च करके खुद और दूसरों को प्रेरित प्रवासी भारतीय सम्मेलन में लाने वालों से ऐन मौके पर यह कहा जाए कि अंदर जगह फुल हो गई है। आप लोग बाहर खड़े होकर टीवी स्क्रीन पर अंदर चल रहा कार्यक्रम देख लें, तो कोई भी हो, उसे गुस्सा जरूर आएगा। ये वो प्रवासी हैं जो विदेश में रहकर भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को समृद्ध करते हैं। इनकी बदौलत भारत में पूंजी निवेश होता है और आयात-निर्यात भी बड़े पैमाने पर होता है। वैसे तो मध्य प्रदेश सरकार गाहे-बगाहे अतिथि देवो भव का राग अलापती रहती है, लेकिन जब अतिथि आता है,

तो उसको बैठने के लिए सीट तक नहीं मिलती है। कार्यक्रम स्थल में प्रवेश न पाने वाले सैकड़ों प्रवासियों का दर्द यही है कि जब प्रदेश सरकार को पता था कि तीन हजार लोग कार्यक्रम में भाग लेने आएंगे, तो उतनी व्यवस्था करनी चाहिए। प्रवासियों का यह भी आरोप है कि कन्वेंशन सेंटर में बैठे ज्यादातर लोग या तो प्रदेश सरकार के अधिकारी थे या फिर पार्टी कार्यकर्ता। और ये सारे लोग कार्यक्रम शुरू होने से कई घंटे पहले ही कुर्सियों पर कब्जा जमाकर बैठ गए थे।

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भारत यात्रा का प्रचंड समर्थन भी और विरोध भी

सोशल मीडिया और समाचार पत्रों के पोर्टलों पर जिस तरह का आक्रोश प्रवासियों ने व्यक्त किया है। उससे तो नहीं लगता है कि आज से शुरू हुए विदेशी निवेशक सम्मेलन में कुछ उपलब्धि हासिल होगी क्योंकि इस सम्मेलन में भी वही लोग शामिल हैं, जो प्रवासी भारतीय सम्मेलन में भाग लेने आए थे। हालांकि यह भी सही है, जब प्रवासी भारतीय सम्मेलन का समापन हो रहा था, तब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अव्यवस्था के लिए प्रवासियों से माफी मांगी थी। इस माफी से प्रवासियों का दिल कितना पसीजा होगा, यह कह पाना अभी मुश्किल है

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