गांव की चौपाल से तय किया विधानसभा का सफर

पंचायती राज संस्थाओं को राजनीति की प्राथमिक पाठशाला माना जाता है। पंचायती राज संस्थाएं जिनमे पंच, सरपंच, ब्लॉक समिति तथा जिला परिषद् के सदस्य शामिल होते हैं, से राजनीति की ए-बी-सी-डी पढ़ कर सफल राजनीतिज्ञ बने हैं। हरियाणा प्रदेश में ऐसे कई नेता हैं जो कि गांव की चौपाल से सूबे की विधानसभा तथा देश की लोकसभा तक पहुंचे हैं

Created By : Manuj on :05-11-2022 19:33:10 गांव की चौपाल खबर सुनें


मनुज मग्गू, पलवल
पंचायती राज संस्थाओं को राजनीति की प्राथमिक पाठशाला माना जाता है। पंचायती राज संस्थाएं जिनमे पंच, सरपंच, ब्लॉक समिति तथा जिला परिषद् के सदस्य शामिल होते हैं, से राजनीति की ए-बी-सी-डी पढ़ कर सफल राजनीतिज्ञ बने हैं। हरियाणा प्रदेश में ऐसे कई नेता हैं जो कि गांव की चौपाल से सूबे की विधानसभा तथा देश की लोकसभा तक पहुंचे हैं। पलवल जिले में भी पंचायती राज संस्थाओं के पदों पर रहने के बाद कैबिनेट स्तर के मंत्री व प्रदेश स्तरीय विभागों में चेयरमैन तथा विधायक रहे।

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पंचायती राज संस्थाओं से होते हुए विधानसभा तक पहुंचने वाले नेताओं में होडल के विधायक जगदीश नायर, हथीन के पूर्व विधायक केहर सिंह रावत तथा जलेब खां और पलवल के पूर्व विधायक स्वर्गीय धन सिंह रावत शामिल रहे हैं। हथीन के विधायक प्रवीण डागर ने खुद तो पंचायती राज संस्था का चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन विधायक बनने से ठीक पहले उनकी धर्मपत्नी जिला परिषद् के सदस्य का चुनाव लड़ीं भी तथा जीती भी। इन सभी नेताओं के सफल राजनीतिक करियर को देख कर अब कई उभरते हुए नेता पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव मैदान में उतर रहे हैं तथा विधानसभा तक पहुंचने के हसीन ख्वाब बुन रहे हैं। जिले में कई ऐसे युवा हैं जो कि सरपंच, पंचायत समिति और जिला परिषद का चुनाव लड़ने बाद में प्रदेश की राजनीति में बड़ा ओहदा प्राप्त करने की इच्छा है।

सरपंच बनने के अगले ही साल विधायक बने नायर


होडल के विधायक जगदीश नायर वर्ष 1995 में 25 वर्ष की आयु में अपने गांव पेंगलतु के सरपंच चुने गए। सरपंच बनने के एक साल बाद ही वर्ष 1996 के विधानसभा चुनाव में हरियाणा विकास पार्टी से विधायक बने तथा चौधरी बंसीलाल व ओम प्रकाश चौटाला की सरकारों में केबिनेट मंत्री रहे। वर्ष 2009 में नायर इनेलो की टिकट पर दूसरी बार तथा वर्ष 2022 में बीजेपी की टिकट पर तीसरी बार विधायक बने हैं। जगदीश नायर वर्तमान में हरियाणा भूमि सुधार और विकास निगम के चेयरमैन भी हैं।

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विधायक बनने से पहले केहर सिंह रावत भी रहे सरपंच


हथीन के पूर्व विधायक केहर सिंह रावत का नाम भी उन नेताओं म शामिल है जिन्होंने गांव की पंचायत से सूबे की सबसे बड़ी पंचायत (विधानसभा) तक का सफर तय किया। जिले के बड़े बीजेपी नेता केहर सिंह रावत वर्ष 2014 में इनेलो की टिकट पर विधायक चुने गए थे। उन्हें वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में भी इनेलो का टिकट मिला था, लेकिन उसमे कामयाबी नहीं मिली थी। विधायक बनने से पहले केहर सिंह रावत अपने गांव नांगल जाट के सरपंच, पंचायत समिति के सदस्य तथा जिला परिषद् के सदस्य भी चुने गए थे।

जलेब ने भी किया सरपंच से विधायक का सफर तय


हथीन के पूर्व विधायक मरहूम जलेब खां भी पंचायती नेता से सूबे के नेता बनने तक का सफर तय करने वाले सियासतदानों में शामिल रहे हैं। जलेब खां वर्ष 2009 में निर्दलीय चुनाव लड़कर विधायक बने थे। निर्दलीय विधायक बन कर जलेब खां ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया तथा विधानसभा में मुख्य संसदीय सचिव रहे। विधायक बनने से पहले जलेब खां अपने गांव कोट के सरपंच तथा जिला परिषद् के सदस्य भी रहे थे। हालाँकि इससे पहले व बाद में भी जलेब खां चुनाव लड़े, लेकिन सफलता नहीं मिली।

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