लाल चौक पर राहुल गांधी

इससे पहले साल 1992 में 26 जनवरी को भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने लाल चौक पर तिरंगा रैली की थी और तब उस यात्रा के संयोजक थे वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

Created By : ashok on :01-02-2023 17:53:57 संजय मग्गू खबर सुनें


संजय मग्गू


कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीते रविवार को जम्मू-कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने के बाद कहा, ‘लाल चौक पर तिरंगा लहरा कर भारत से किया वादा आज पूरा हुआ। नफरत हारेगी, मोहब्बत हमेशा जीतेगी।

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भारत में उम्मीदों का नया सवेरा होगा।’ यह हर देशवासी के लिए गर्व का विषय है कि लाल चौक पर एक बार फिर तिरंगा लहराया। इससे पहले साल 1992 में 26 जनवरी को भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने लाल चौक पर तिरंगा रैली की थी और तब उस यात्रा के संयोजक थे वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। और, इससे भी पहले साल 1948 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने शेख अब्दुल्ला के साथ लाल चौक पर तिरंगा फहराया था। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह तीसरा मौका था,

जबकि लाल चौक जैसे अति संवेदनशील इलाके में भारतीय ध्वज सार्वजनिक रूप से फहराया गया। निस्संदेह, यह एक साहसिक कार्य है, जिसे इस बार राहुल गांधी ने किया। साहसिक कार्य से आशय यह है कि आजादी मिलने और फिर देश का विभाजन होने के बाद से जम्मू-कश्मीर के जो हालात रहे हैं, वे किसी से छिपे नहीं हैं। वहां भारतीय ध्वज को सार्वजनिक रूप से फहराना कभी इतना सहज नहीं रहा, जितनी सहजता के साथ राहुल गांधी फहरा आए हैं।

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तिरंगे की जगह पाकिस्तान एवं आतंकी संगठनों के परचमों ने बलात हथिया रखी थी। ऐसे में, आज अगर कोई यह सवाल उठाता है कि आखिर यह ‘मौसम’ किसकी देन है, तो बेजा नहीं करता। पिछले आठ सालों के दौरान जम्मू-कश्मीर में हालात जिस तेजी के साथ बदले हैं, वह हमारी सेना की ‘सख्ती’ का नतीजा है।

और, सेना को उसका काम करने की खुली छूट देश के नेतृत्व ने दे रखी है। अगर हमारी सेना ने आतंकियों को अपनी जीप पर बांधकर सड़कों की सैर न कराई होती, तो पत्थर उसी तेजी-तेवर के साथ आज भी चल रहे होते। सेना को अपना कर्तव्य अंजाम देने की यह आजादी जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में पहले कभी नहीं मिली। किसी को इस कथन पर ऐतराज हो सकता है, लेकिन यह महज एक विचार नहीं है, बल्कि तथ्य है, सत्य है। बावजूद इस सबके, लाल चौक पर तिरंगा फहराने के राहुल गांधी के हौसले को हमारा सलाम!

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