हरियाणा में जैव विविधता को बचाने की जद्दोजहद
वन्यजीवों के संरक्षण के लिए केंद्र सरकार जहां लगातार कानूनों को कड़ा करती जा रही है, वहीं इनका शिकार करने वाले वन्यजीवों को नुकसान पहुंचाने से बाज नहीं आ रहे हैं। अभी दो दिन पहले पन्ना टाइगर रिजर्व में एक बाघ फांसी के फंदे पर लटकता हुआ पाया गया। जब तक हम अपनी जैव विविधता को बरकरार नहीं रखेंगे, तब तक प्राकृतिक संतुलन इसी तरह गड़बड़ाता रहेगा।
Created By : ashok on :10-12-2022 14:35:58 संजय मग्गू खबर सुनेंसंजय मग्गू
वन्यजीवों के संरक्षण के लिए केंद्र सरकार जहां लगातार कानूनों को कड़ा करती जा रही है, वहीं इनका शिकार करने वाले वन्यजीवों को नुकसान पहुंचाने से बाज नहीं आ रहे हैं। अभी दो दिन पहले पन्ना टाइगर रिजर्व में एक बाघ फांसी के फंदे पर लटकता हुआ पाया गया। जब तक हम अपनी जैव विविधता को बरकरार नहीं रखेंगे, तब तक प्राकृतिक संतुलन इसी तरह गड़बड़ाता रहेगा। हमें अपने आस पास पाए जाने वाले जीव-जंतुओं का भी उसी तरह ख्याल रखना होगा जिस तरह हम अपने परिवार का रखते हैं। सभी जीव जंतु प्रकृति रूपी परिवार का हिस्सा हैं और इस पृथ्वी पर इन सभी जीवों का उतना ही हक है जितना कि हम इंसानों का।
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यदि हमने इन जीव जंतुओं की रक्षा नहीं की, तो इसका खामियाजा भी हमें ही भुगतना होगा। जीव जंतुओं की रक्षा तभी हो सकती है, जब हम जल संरक्षण पर ध्यान दें। जीव जंतुओं को उनके लिए आवश्यक वातावरण उपलब्ध कराएं। हरियाणा सरकार ने पांच सौ एकड़ भूमि में झील और पार्क बनाने का फैसला भी इसीलिए किया है, ताकि जीव जंतुओं का संरक्षण हो सके। गुरुग्राम के दमदमा, खेड़ला और अभयपुर में कुल चार सौ बीस एकड़ जमीन पर जैव विविधता पार्क बनाया जाएगा। इसके साथ ही 80 एकड़ में फैले दमदमा झील का पुनरुद्धार करने का फैसला मनोहर सरकार ने किया है। यह सरकार का जैव विविधता बचाने की दिशा में उठाया गया बहुत बड़ा कदम माना जाना रहा है। हमारे देश में लगातार घटते वनों, सूखती नदियां, झील और तालाब की वजह से जीव जंतुओं की बहुत सारी प्रजातियां लगातार घटती जा रही हैं।
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वनों का क्षेत्रफल कम होते जाने की वजह से हिंस्र पशुओं का मानव बस्तियों में अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। वन्य जीव और मानव के बीच पैदा होने वाला संघर्ष दोनों को क्षति पहुंचा रहा है। यदि हमने जीव जंतुओं को उनका प्राकृतिक पर्यावरण नहीं उपलब्ध कराया, तो बहुत सारी प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा पैदा हो गया है। जीव जंतुओं की हजारों प्रजातियां तो पूरी दुनिया में विलुप्त हो चुकी हैं। जब तक हम अपने पर्यावरण को संरक्षित नहीं करते हैं, तो हमारा जीवन खतरे में तो रहेगा ही, जीव जंतुओं के सिर पर भी खतरा मंडराता रहेगा।