बहुत जरूरी हैं जल संरक्षण के प्रयास
प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान का हवाला देते हुए कहा कि जन-भागीदारी ने ही सरकार के उस प्रयास को कामयाब बनाया। आज देश भर में स्वच्छता के प्रति जो जागरूकता देखने को मिलती है, वैसी पहले देखने को नहीं मिलती थी।
Created By : ashok on :07-01-2023 15:20:02 संजय मग्गू खबर सुनेंसंजय मग्गू
भोपाल (मध्य प्रदेश) में आयोजित प्रथम अखिल भारतीय जल सम्मेलन ने देश को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। विभिन्न राज्यों के जल मंत्रियों को अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल संरक्षण को मौजूदा समय की सबसे बड़ी जरूरत बताते हुए इसमें जन-भागीदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश की संवैधानिक व्यवस्था में पानी का विषय राज्यों के नियंत्रण में आता है। ऐसे में राज्य द्वारा इस दिशा में किए गए प्रयास संपूर्ण देश सामूहिक लक्ष्यों की प्राप्ति में मददगार साबित हो सकते हैं। ‘वॉटर विजन-2047’ कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अगले 25 वर्षों की अमृत यात्रा का एक महत्वपूर्ण आयाम है।
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देश के हर कार्यक्रम में जनता की सीधी भागीदारी सरकार की प्राथमिकता में है, ताकि विकास की दिशा में उठाए गए कदमों और किए गए प्रयासों में पारदर्शिता बनी रहे। जन-सामान्य को भी पता रहे कि सरकार और प्रशासन ने किस क्षेत्र में कितनी मेहनत की है, उसमें कितना खर्च हो रहा है। संबंधित कार्य में अपेक्षित गति है अथवा कहीं ढीलापन है। प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान का हवाला देते हुए कहा कि जन-भागीदारी ने ही सरकार के उस प्रयास को कामयाब बनाया।
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आज देश भर में स्वच्छता के प्रति जो जागरूकता देखने को मिलती है, वैसी पहले देखने को नहीं मिलती थी। इसलिए हर कार्यक्रम-अभियान में जनता की सहभागिता पर सरकार जोर देती है। उन्होंने बताया कि हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं। अब तक 25 हजार अमृत सरोवर बन चुके हैं। जल संरक्षण अभियान को कामयाब इसलिए भी बनाना है, क्योंकि पानी खेती-किसानी, उद्योग-व्यापार और सामान्य जीवन के लिए बहुत जरूरी है। देश के पास संसाधन सीमित हैं, लेकिन समस्याओं से जूझने का भरपूर जज्बा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने भी इस दिशा में बहुत काम किया, योजनाएं बनाकर उन पर अमल किया, जिसके नतीजे भी सामने आए। हमें भी पूरी तत्परता, पूरी ताकत के साथ इस दिशा में काम करने की जरूरत है और हमें विश्वास है कि कामयाबी हमारे कदम जरूर चूमेगी। इसलिए हम सबको जल संरक्षण के लिए अपनी पूरी ऊर्जा लगा देनी है।