फरीदाबाद में 45 वर्ष से रामलीला मंचन को निर्देशन दे रहे हैं आज़ाद

श्री धार्मिक लीला कमेटी ने अपने निर्देशक हरीश चन्द्र आज़ाद को किया सम्मानित

Desh Rojana
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 श्री धार्मिक लीला कमेटी की टीम ने रामलीला के अंतिम दिन अपने निर्देशक हरीश चन्द्र आज़ाद को सम्मानित किया। आज़ाद ने बताया कि मैं इस मंच पर करीब 45 वर्षों से तीसरी पीढ़ी को निर्देशन दे रहा हूँ।

 

फरीदाबाद। श्री धार्मिक लीला कमेटी की टीम ने रामलीला के अंतिम दिन अपने निर्देशक हरीश चन्द्र आज़ाद को सम्मानित किया। आज़ाद ने बताया कि मैं इस मंच पर करीब 45 वर्षों से तीसरी पीढ़ी को निर्देशन दे रहा हूँ। उन्होंने बताया कि मैं जब 14 वर्ष का था तभी से निर्देशक की भूमिका निभाता आ रहा हूँ। उन्होंने बताया कि इस समय फरीदाबाद में किसी भी रामलीला में सबसे पुराना निर्देशक हूँ जोकि एक ही मंच पर लगातार 45 वर्षों से कलाकारो को कला सिखा रहा हूँ।

रामलीला कमेटी से मिला सम्मान 

आज़ाद ने बताया कि श्री धार्मिक लीला कमेटी 5 नम्बर एनआईटी फरीदाबाद का हिस्सा होना मेरे लिये गर्व की बात है कि रामलीला के द्वारा इतना बड़ा परिवार मिला जहाँ सिर्फ कलाकार ही नहीं उनके परिवार के लोग भी गुरूजी कहकर पाँव छूते हैं। अपने से बड़ो को सम्मान देने की यह संस्कृति ही प्रभूराम की मर्यादा का संदेश है और मैं गर्व से कहता हूँ कि इस संस्कृति को लगातार तीसरी पीढ़ी अपनाए हुए हैं। हमने जो ग्रथों में पढ़ा है कि गुरू का दर्जा भगवान से बड़ा होता है उस बात को श्री धार्मिक लीला कमेटी का एक-एक सदस्य व उनके परिवार के सदस्य तक लगातार सारधक करते आ रहे हैं।

हरीश आज़ाद ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से रामलीला करने की प्रथा दुबारा से ज्यादा हो रही है जोकि की बहुत खुशी की बात है और मैं सभी दशहरा कमेटियों से भी प्रार्थना करता हूँ कि वह भी अपने-अपने मंचो पर रामलीला करवाये बल्कि मैं सभी रेजिडेन्टस वैलफेयर सोसाइटीस को कहूँगा कि वह अपने-अपने क्षैत्रों में रामलीला करवाना आरम्भ करें इससे बच्चों में मर्यादा का संदेश जाता है और बच्चों को हमारी संस्कृति का ज्ञान भी मिलेगा।

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