नागरिकों से सुझाव लेकर प्रभावी होगी साइबर सिटी की सफाई व्यवस्था

800 गाड़ियों से होगा डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन I मंजू कुमारी, गुरुग्राम।

Desh Rojana
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शहर की सफाई व्यवस्था पर उठते सवालों के बीच नगर निगम अब नए प्रयोग की तैयारी कर रहा है। शहर की सफाई व्यवस्था को अधिक प्रभावी करने के लिए अब नागरिकों से ही सुझाव लिए जाएंगे। नगर निगम के कमिश्नर प्रदीप दहिया ने मंगलवार को मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए शहर की सफाई व्यवस्था को और अधिक प्रभावशाली बनाने की दिशा में निगम के प्रयासों और योजनाओं की जानकारी साझा की। इस अवसर पर उन्होंने डोर-टू-डोर मॉडल आरएफपी के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि आरएफपी और एसडब्ल्यूएम बायलॉज निगम की वेबसाइट पर अपलोड किए जा रहे हैं, ताकि नागरिक अपने सुझाव दे सकें और स्वच्छ गुरुग्राम के निर्माण में सहभागी बन सकें।
 

शहर की सफाई व्यवस्था पर उठते सवालों के बीच नगर निगम अब नए प्रयोग की तैयारी कर रहा है। शहर की सफाई व्यवस्था को अधिक प्रभावी करने के लिए अब नागरिकों से ही सुझाव लिए जाएंगे। नगर निगम के कमिश्नर प्रदीप दहिया ने मंगलवार को मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए शहर की सफाई व्यवस्था को और अधिक प्रभावशाली बनाने की दिशा में निगम के प्रयासों और योजनाओं की जानकारी साझा की। इस अवसर पर उन्होंने डोर-टू-डोर मॉडल आरएफपी के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि आरएफपी और एसडब्ल्यूएम बायलॉज निगम की वेबसाइट पर अपलोड किए जा रहे हैं, ताकि नागरिक अपने सुझाव दे सकें और स्वच्छ गुरुग्राम के निर्माण में सहभागी बन सकें।NIL

शहर में 40 फीसदी कूड़ा बीडब्ल्यूजी का 

निगमायुक्त ने बताया कि शहर में प्रतिदिन लगभग 1200 टन कचरा उत्पन्न होता है, जिसमें से करीब 40 प्रतिशत कचरा बल्क वेस्ट जनरेटर (बीडब्ल्यूजी) का होता है। निगम द्वारा इन बीडब्ल्यूजी संस्थानों को ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 के तहत अपने परिसरों में ही कचरे का निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम के कई बीडब्ल्यूजी इस दिशा में सराहनीय कार्य कर रहे हैं और शेष बीडब्ल्यूजी को भी सक्रिय रूप से जोड़ा जा रहा है। निगमायुक्त ने बताया कि जो कॉलोनियां खुद को बीडब्ल्यूजी की श्रेणी में शामिल करना चाहती हैं, वे ऐसा कर सकती हैं और अपने स्तर पर कचरा प्रबंधन शुरू कर सकती हैं।
 

डोर-टू-डोर व्यवस्था में 800 गाड़ियां होंगी तैनात

निगमायुक्त प्रदीप दहिया ने बताया कि नई डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण व्यवस्था के तहत 800 वाहन तैनात किए जाएंगे, जिनमें संकरी गलियों के लिए ई-रिक्शा भी शामिल होंगे। इससे घर-घर से कचरा संग्रहण व्यवस्था और भी प्रभावी होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान में नगर निगम द्वारा 330 वाहनों के माध्यम से घरों से कचरा एकत्रित कर रहा है और इसके लिए कोई शुल्क नहीं ले रहा है। यदि कोई व्यक्ति शुल्क वसूलती है, तो नागरिक तुरंत निगम को सूचित करें — ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
 

घट रही है गार्बेज वल्नरेबल पॉइंट्स की संख्या 

मुख्य सड़कों की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए निगम द्वारा कई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। निगमायुक्त ने बताया कि मुख्य सड़कों पर स्थित गार्बेज वल्नरेबल पॉइंट्स (जीवीपी) को स्थानांतरित किया जा रहा है। अब तक जीवीपी की संख्या 282 से घटाकर 222 कर दी गई है और आने वाले समय में इसे और भी कम करने की योजना है।
सफाई व्यवस्था की निगरानी और कचरा फैलाने वालों पर कार्रवाई की जिम्मेदारी सहायक सफाई निरीक्षकों (एएसआई) को दी गई है। हाल ही में एचकेआरएनएल के माध्यम से 90 नए सहायक निरीक्षक तैनात किए गए हैं। इन निरीक्षकों ने अब तक 19.80 लाख रुपए के चालान जारी किए हैं, जिससे एक ओर सफाई पर निगरानी मजबूत हुई है, वहीं दूसरी ओर कचरा फैलाने वालों पर भी अंकुश लगा है। चालान प्रक्रिया को और डिजिटल बनाने के लिए सीएसआर फंड से पीओएस मशीनें उपलब्ध कराई जा रही हैं।
 

नागरिकों से सहयोग का आह्वान

निगमायुक्त ने नागरिकों से अपील की कि वे गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करें तथा कचरा केवल डोर-टू-डोर गाड़ी या ट्रॉली में ही डालें। उन्होंने कहा कि स्वच्छ गुरुग्राम के निर्माण में हर नागरिक की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी चेताया कि सीवर में पशुओं का गोबर ना बहाया जाए, क्योंकि इससे सीवर जाम होते हैं। सीवर जाम करने वालों और अवैध पेयजल कनेक्शन रखने वालों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।
 
10 इंटीग्रेटेड एंटी स्मॉग गन मशीनें की खरीद करेगा निगम 

प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्र में भी नगर निगम सक्रिय है। निगमायुक्त ने बताया कि सीपीसीबी द्वारा प्रदान की गई राशि से 10 इंटीग्रेटेड एंटी स्मॉग गन मशीनें खरीदी जा रही हैं, जो जल्द ही शहर में काम करना शुरू करेंगी। इसके अलावा, मुख्य सडक़ों की सफाई प्रक्रिया को मैकेनाइज्ड किया जा रहा है ताकि धूल और प्रदूषण को कम किया जा सके।

 

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