16 नवंबर को सरकारी फरमानों और गलत नीतियों के खिलाफ कैथल में ठेकेदार करेंगे विरोध प्रदर्शन I
पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में जुटेंगे प्रदेशभर के ठेकेदार, सरकार को चेतावनी देने की तैयारी
हरियाणा सरकार द्वारा कथित तौर पर लागू किए गए काले कानूनों, मनमानी नीतियों और ठेकेदार वर्ग के खिलाफ लिए जा रहे कथित गलत फैसलों के विरोध में ऑल हरियाणा गवर्नमेंट कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन ने
हरियाणा सरकार द्वारा कथित तौर पर लागू किए गए काले कानूनों, मनमानी नीतियों और ठेकेदार वर्ग के खिलाफ लिए जा रहे कथित गलत फैसलों के विरोध में ऑल हरियाणा गवर्नमेंट कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन ने एक बड़े स्तर के विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। यह विरोध प्रदर्शन 16 नवंबर 2025, दिन रविवार, सुबह 11 बजे, पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस, कैथल में आयोजित होगा। कार्यक्रम को लेकर पूरे प्रदेश के ठेकेदारों में खासा उत्साह और रोष दोनों ही दिखाई दे रहा है।इस विरोध प्रदर्शन की अध्यक्षता एसोसिएशन के चेयरमैन अशोक जैन करेंगे, जबकि प्रधान जयभगवान इस आंदोलन का नेतृत्व करेंगे।

एसोसिएशन ने बताया कि प्रदेशभर के विभिन्न विभागों लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), मार्केटिंग बोर्ड, और अन्य सरकारी एजेंसियों से जुड़े सभी वर्गों के ठेकेदार बड़ी संख्या में शामिल होंगे। एसोसिएशन का आरोप है कि सरकार पिछले काफी समय से ऐसे कानून और शर्तें लागू कर रही है, जो ठेकेदारों के लिए न केवल प्रतिकूल हैं, बल्कि विकास कार्यों को भी बाधित कर रही हैं। ठेकेदारों का कहना है कि भुगतान में देरी, अप्राकृतिक शर्तें, बढ़ती तकनीकी जटिलताएँ, और विभागीय दखलअंदाज़ी ने कार्यप्रणाली को बेहद कठिन बना दिया है। साथ ही, नए कड़े कानूनों की वजह से छोटे और मध्यम ठेकेदारों का व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। सीनियर वाइस प्रेजिडेंट मनोज चहल कोटड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि यह विरोध प्रदर्शन केवल ठेकेदारों का रोष नहीं, बल्कि सरकार को एक चेतावनी भी है कि यदि समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो आने वाले समय में आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है। उन्होंने बताया कि ठेकेदार वर्ग लंबे समय से अपनी माँगों को सरकार तक पहुंचा रहा है, लेकिन समाधान न मिल पाने के कारण अब सामूहिक विरोध के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। मनोज चहल ने यह भी कहा कि प्रदेशभर से ठेकेदार एकजुट होकर कैथल पहुंचेंगे और सरकार के विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद करेंगे। उन्होंने बताया कि एसोसिएशन अपनी अनेक प्रमुख मांगों को लेकर लामबंद है।



