चूड़ियां सलामत तो कैसे पिलाया गया महिला को जबरन एसिड
आरोपी के वकील ने पेश की मृतक महिला की शारीरिक रिपोर्ट, कोर्ट ने जमानत याचिका की मंजूर
महिला का अपहरण करने के बाद तेजाब पीला कर हत्या करने के आरोपी को उच्च न्यायालय ने वकील की उचित दलीलों के बाद जमानत दे दी। वकील ने अदालत में दलील दी कि जबरन एसिड पिलाने के बावजूद भी महिला की चूड़ियां सलामत रही, इससे साबित होता है कि युवक पर लगाया आरोप गलत है। एडवोकेट अमन अरोड़ा की दलील को सही मानते हुए न्यायधीश ने आरोपी युवक की जमानत याचिका मंजूर कर ली।
चंडीगढ़ ।
महिला का अपहरण करने के बाद तेजाब पीला कर हत्या करने के आरोपी को उच्च न्यायालय ने वकील की उचित दलीलों के बाद जमानत दे दी। वकील ने अदालत में दलील दी कि जबरन एसिड पिलाने के बावजूद भी महिला की चूड़ियां सलामत रही, इससे साबित होता है कि युवक पर लगाया आरोप गलत है। एडवोकेट अमन अरोड़ा की दलील को सही मानते हुए न्यायधीश ने आरोपी युवक की जमानत याचिका मंजूर कर ली।
तीन साल पुराना मामला
बता दें कि 10 अगस्त 2022 को एक व्यक्ति अजय ने कैंप थाना पलवल में मुकदमा दर्ज कराया कि उसकी पत्नी नेहा दो अगस्त 2022 से गुमशुदा है। उसे शक है कि पड़ोसी राहुल उसकी पत्नी को बहला फुसलाकर भगा ले गया। तफ्तीश के दोरान 10 सितंबर 2022 को जयपुर पुलिस द्वारा सूचना मिली कि एक लाश सरकारी हॉस्पिटल जयपुर में रखी है जो जांच करने पर लाश नेहा कि पायी है।
पति अजय के अनुसार पड़ोसी राहुल भी 02 अगस्त 2022 से गायब है और उसे शक है कि राहुल ही नेहा को बहला फुसला कर जयपुर ले गया और उसे जबरदस्ती एसिड पिला कर मार डाला। कैंप थाना पुलिस ने गुमशुदगी के मामले में अपहरण व हत्या की धारा जोड़कर कार्रवाई शुरू की। मामले में आरोपी राहुल को जयपुर से गिरफतार किया गया और राहुल के खिलाफ चालान पेश कर पलवल अतिरिक्त जिला न्यायलय पलवल कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हुई।
सेशन कोर्ट में दो बार निरस्त हुई थी जमानत
पलवल अदालत में मामले की पैरवी शएडवोकेट कृष्णा और मधु अधिवक्ता द्वारा की गई। पलवल अतिरिक्त जिला न्यायलय द्वारा अभियुक्त दो बार जमानत याचिका खारिज होने के बाद अभियुक्त की जमानत याचिका पलवल के अधिवक्ता अमन अरोड़ा द्वारा उच्च न्यायलय के समक्ष लगाई गई। बहस के दोरान डेप्युटी एडवोकेट जनरल द्वारा उच्च न्यायलय के समक्ष तथ्य आरोपी के खिलाफ रखे गए कि आरोपी राहुल ने मृत्तका को जबरदस्ती एसिड पिला कर मार दिया।
जबरदस्ती एसिड पिलाने के साक्ष्य नहीं मिले
अधिवक्ता अमन अरोड़ा ने बहस के दोरान अहम तथ्य उच्च न्यायालय के समक्ष रखे कि एक वयस्क महिला को एक अकेले पुरुष द्वारा जबरदस्ती एसिड पिलाना मुमकिन नहीं है। यदि एसिड जबरदस्ती पिलाया गया तो मृत्तिका के शरीर पर जलने और संघर्ष के निशान न पड़ना मामले को संदेह में डालता है। अंत में अमन अरोड़ा अधिवक्ता द्वारा मृत्तका की शारीरिक जांच रिपोर्ट को दर्शाते हुए बताया कि मृत्तिका के दोनों हाथों कि चूडिय़ां सलामत थी जो कि जबरदस्ती एसिड पिलाने के संघर्ष में होना मुमकिन नहीं है। तीन तारीख तक चली लंबी और रोमांचक बहस के बाद अमन अरोड़ा अधिवक्ता द्वारा रखे गए तथ्य और बहस को सुनते हुए उच्च न्यायालय द्वारा आरोपी राहुल जमानत याचिका को मंजूरी दे दी गई।



