गीता जयंती महोत्सव का हुआ भव्य समापन
गीता की शिक्षाएं देती हैं अनुशासित, संतुलित और कर्म प्रधान जीवन का संदेश : डीसी समापन समारोह में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बिखेरी कला और अध्यात्म की अनोखी छठा मंजू कुमारी, गुरुग्राम।
जिला स्तरीय गीता जयंती महोत्सव का समापन भव्य रूप से हुआ, जिसमें डीसी अजय कुमार
जिला स्तरीय गीता जयंती महोत्सव का समापन भव्य रूप से हुआ, जिसमें डीसी अजय कुमार मुख्यातिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं जिला परिषद के सीईओ सुमित कुमार तथा डीआईपीआरओ बिजेंद्र कुमार ने मुख्यातिथि का स्वागत किया। समापन अवसर पर डीसी अजय कुमार ने गीता प्रदर्शनी का अवलोकन किया और विभिन्न विभागों एवं संस्थाओं द्वारा लगाए गए स्टॉलों पर जाकर वहां प्रदर्शित सामग्री व गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव समाज के सभी वर्गों को गीता के गूढ़ संदेशों से जोड़ने का एक प्रभावी माध्यम बना है।
डीसी अजय कुमार ने कहा कि गीता की शिक्षाएं जीवन को अनुशासित, संतुलित और सकारात्मक दिशा में ले जाने की प्रेरणा देती हैं। गीता व्यक्ति को यह समझाती है कि परिस्थितियां कैसी भी हों, अपने कर्तव्य का पालन दृढ़ता और निस्वार्थ भाव से करना चाहिए। उन्होंने बताया कि महोत्सव के माध्यम से युवा पीढ़ी को गीता का मूल संदेश—अनुशासन, कर्म और आत्मविश्वास—सुलभ रूप में समझाया गया है, जो उनके व्यक्तित्व विकास और जीवन निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

कलाकारों, बच्चों और प्रतिभागियों को डीसी ने किया सम्मानित
डीसी अजय कुमार ने समापन समारोह में उत्कृष्ट योगदान देने वाले सभी प्रतिभागियों को सम्मानित भी किया। उन्होंने मंच पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देने वाले कलाकारों और स्कूली बच्चों की सराहना करते हुए उन्हें प्रशंसा पत्र प्रदान किए। इसके अलावा, गीता प्रदर्शनी में प्रतिभागी विभिन्न विभागों, संस्थाओं और स्टॉल संचालकों को भी उनके प्रभावी प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। महोत्सव के सफल संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों और सहयोगी टीमों को प्रशंसा पत्र देकर डीसी अजय कुमार ने उनका उत्साहवर्धन किया और कहा कि उनके समर्पण और टीम वर्क से ही महोत्सव का आयोजन सफलतापूर्वक संभव हो पाया है।
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सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बिखेरी कला और अध्यात्म की अनोखी छठा
समापन समारोह में कला और अध्यात्म का अद्भुत संगम देखने को मिला, जहां मंच पर प्रस्तुतियों ने माहौल को भक्तिमय और भावपूर्ण बना दिया। कलाग्राम की टीम से बांसुरी वादक निखिल दास और विनय त्रिपाठी ने अपनी मनमोहक बांसुरी धुनों के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं को जीवंत कर दिया। वहीं गायक नुसरत खान व उनके ग्रुप ने श्री कृष्ण पर आधारित भजनों और गीतों से माहौल को भक्ति रस से सराबोर कर दिया।
इसी क्रम में कथक नृत्यांगना नयनिक घोष व उनकी टीम ने अपनी लय, भाव और मुखाभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कादीपुर, जैकबपुरा और टीकली के विद्यार्थियों तथा राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अर्जुन नगर की छात्राओं ने भी श्री कृष्ण की विविध लीलाओं पर आधारित आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, जिनमें बाल-लीला, रासलीला और गोपी नृत्य के दृश्यों ने सभी का मन जीत लिया। समापन समारोह ने न सिर्फ कला का सौंदर्य दिखाया, बल्कि अध्यात्म और संस्कृति की जीवंत अनुभूति भी कराई।




