जिला में कहीं भी अनाधिकृत व अवैध कॉलोनियां न होने दी जाएं विकसित : उपायुक्त

उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने टास्क फोर्स की बैठक में अधिकारियों को दिए निर्देश - कड़ी मेहनत से कमाई गई जमा पूंजी को अनाधिकृत व अवैध कॉलोनियों में न करें इन्वेस्ट, उपायुक्त ने आमजन से किया आह्वान

Desh Rojana
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उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने जिला टाउन प्लानिंग सहित संबंधित विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा 

उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने जिला टाउन प्लानिंग सहित संबंधित विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि जिला में कहीं भी अनाधिकृत व अवैध कॉलोनी को विकसित न होने दिया जाए और उसे प्रथम चरण में ही रोकने के लिए सभी संबंधित विभाग अलर्ट रहें और पूरी निगरानी रखें। इसके साथ ही अवैध निर्माणों को भी जल्द से जल्द धवस्त करवाएं। उन्होंने कहा कि आमजन को समय-समय पर मुनादी करवाकर व समाचार पत्रों के माध्यम से इस बारे जागरूक किया जाए कि वे कड़ी मेहनत से कमाई गई जमा पूंजी को अनाधिकृत व अवैध कॉलोनियों में  इन्वेस्ट न करें।
उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ बुधवार को जिला स्तरीय टास्क फोर्स कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि नगर परिषद व नगर पालिका क्षेत्र में संबंधित अधिकारी अवैध कालोनियों को विकसित न होने दे। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रार ऑफ फर्म एण्ड सोसायटी रजिस्ट्रेशन से पहले उसके उद्देश्य को देखकर ही सोसायटी का रजिस्ट्रेशन करें। उन्होंने निर्देश दिए कि बिजली विभाग के अधिकारी अनाधिकृत कालोनियों में बिजली के कनेक्शन जारी न करें तथा लीड बैंक मैनेजर अनाधिकृत व अवैध कॉलोनियों में किसी को ऋण न दें। उन्होंने डीटीपी को निर्देश दिए कि जिला में अवैध कॉलोनियों और निर्माणों को चिन्हित करके उनकी सूची 8 दिसंबर तक उपलब्ध करवाएं और उन्हें नोटिस जारी करते हुए अवैध कॉलोनियों और निर्माणों को ध्वस्त करवाएं। उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्माण ध्वस्त करवाने की प्रक्रिया के दौरान समय पर पुलिस फोर्स उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।

उपायुक्त ने बताया कि जिला में नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग द्वारा घोषित नियंत्रित क्षेत्र में निर्माण, पुन: निर्माण करना, सड़क बनाना, सड़कों से पहुंच प्राप्त करना, भूमि का टुकड़ों में विभाजन करना, हस्तान्तरण करना या उन पर निर्माण करने के लिए संबंधित विभाग  की अनुमति आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जिला में नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग द्वारा घोषित नियंत्रित क्षेत्र में बिना अनुमति के निर्माण, भूमि का विभाजन करना व इस संदर्भ में विज्ञापन देना नियंत्रित क्षेत्र अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन माना जाएगा। जो कोई भी ऐसी गतिविधियों में संलिप्त पाया जाएगा तो उनके खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

उपायुक्त ने कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के उपरोक्त कार्य करेगा तो डीटीपी द्वारा पुलिस की सहायता से ऐसे निर्माण को गिराया जाएगा। उन्होंने कहा कि नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग द्वारा नोटिफाइड जिला के जो नियंत्रित क्षेत्र नियंत्रित क्षेत्र अधिनियम के अंतर्गत आते है। ऐसे क्षेत्रों में आमजन भी प्लाट आदि न खरीदें साथ ही कुछ व्यक्तियों द्वारा एग्रीमेंट पर प्लाट बेचे जाते हैं जो कि पूर्णतया अवैध है। 

निर्धारित स्थान पर ही बैठें पटवारी : उपायुक्त


उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने संबंधित एसडीएम, डीआरओ सहित सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए कि वे उनके अधीनस्थ सब ऑर्डिनेट विभागों की नियमित रूप से चेकिंग करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करें ताकि कार्यालयों से गैरहाजिर रहने वाले कर्मचारियों की शत प्रतिशत हाजिरी सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने डीडीपीओ और डीआरओ को निर्देश दिए कि वे यह सुनिश्चित करें कि पटवारी उनके निर्धारित किए गए स्थान पर ही बैंठे किसी अनाधिकृत जगह पर नहीं ताकि आम नागरिक को कार्य बाधित न हो। बैठक में एसडीएम होडल बलीना, डीआरओ बलराज सिंह दांगी, डीडीपीओ उपमा अरोड़ा, डीटीपी सहित अन्य विभागों के संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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