एकता, समरसता, स्वच्छता और श्रद्धा का संदेश देता है छठ महापर्व : खेल मंत्री गौरव गौतम
-खेल मंत्री गौरव गौतम ने गांव अगवानपुर में आयोजित छठ पूजन महोत्सव में की शिरकत -कहा, छठ केवल पूजा नहीं, सामाजिक समरसता का भी उत्सव
हरियाणा के खेल, युवा अधिकारिता एवं उद्यमिता, कानून विधायी राज्य मंत्री गौरव गौतम ने सोमवार को गांव अगवानपुर में आयोजित छठ पूजन महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर छठ मईया का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर खेल मंत्री ने सभी को छठ महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए मंगलमय जीवन की कामना की। उन्होंने कहा है कि देशभर में दीपावली के छठे दिन बाद लोक आस्था का महापर्व छठ मनाया जाता है। छठ महापर्व चार दिनों तक चलता है जिसमें पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत पूरा किया जाता है। उन्होंने कहा कि आज छठ महापर्व का तीसरा दिन है, जो बहुत ही खास होता है।
हरियाणा के खेल, युवा अधिकारिता एवं उद्यमिता, कानून विधायी राज्य मंत्री गौरव गौतम ने सोमवार को गांव अगवानपुर में आयोजित छठ पूजन महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर छठ मईया का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर खेल मंत्री ने सभी को छठ महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए मंगलमय जीवन की कामना की।
उन्होंने कहा है कि देशभर में दीपावली के छठे दिन बाद लोक आस्था का महापर्व छठ मनाया जाता है। छठ महापर्व चार दिनों तक चलता है जिसमें पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत पूरा किया जाता है। उन्होंने कहा कि आज छठ महापर्व का तीसरा दिन है, जो बहुत ही खास होता है।खेल मंत्री ने कहा कि आस्था के इस पर्व में परिवार और समाज की एकता भी झलकती है। छठ पूजा में हर वर्ग, हर समुदाय के लोग मिलकर भाग लेते हैं। चाहे गांव हो या शहर, सभी मिलकर घाटों की सफाई करते हैं। इस प्रकार छठ केवल पूजा नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता का भी उत्सव है। छठ महापर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का वह उज्जवल प्रतीक है जो हमें एकता, समरसता, स्वच्छता और श्रद्धा का संदेश देता है।

छठ पर्व हमें हमारी जड़ों, संस्कृति और प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी की दिलाता है याद : गौरव गौतम
खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम ने कहा कि छठ पर्व केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति में आस्था, अनुशासन, शुद्धता और पर्यावरणीय संतुलन का अनूठा संगम है, जिसमें श्रद्धालु प्रकृति के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हैं। मुख्य रूप से बिहार और उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाने वाला यह पर्व लोगों की आस्था और विश्वास का केंद्र बन गया है। उन्होंने कहा कि आज जब आधुनिकता के दौर में जीवनशैली तेजी से बदल रही है, छठ पर्व हमें हमारी जड़ों, हमारी संस्कृति और प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी की याद दिलाता है। छठ पर्व की विशेषता यह है कि इसमें कृत्रिमता का कोई स्थान नहीं होता। पूजा में प्रयुक्त सभी वस्तुएं जैसे गन्ना, नारियल, केला, ठेकुआ, सूप, दौरा और मिट्टी के दीये सीधे प्रकृति से जुड़ी होती हैं। यही कारण है कि यह पर्व हमें पर्यावरण संरक्षण का भी सशक्त संदेश देता है। इस अवसर पर पूर्वांचल जन कल्याण समिति पलवल की ओर से रास्ते, लाइट, टीन शेड आदि बनवाने की रखी गई मांग को पूरा करवाने का खेल मंत्री ने आश्वासन दिया।उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने भी छठ पूजा पर्व पर सबकी सुख-समृद्धि की कामना करते हुए छठ मइया के भक्तों को छठ पूजा पर्व की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में छठ के पर्व का बहुत अधिक महत्व है। भारतीय संस्कृति के अंतर्गत सभी धर्मों व वर्गों के लोगों को एकजुट करके आगे बढ़ाने के लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं।
इस अवसर पर अंजू वशिष्ठ, पूर्वांचल जन कल्याण समिति पलवल के प्रधान विजय पटेल, सचिव ब्रिजेश शाह, दिलीप कुमार, पीएन मिश्रा, गणेश मुखिया, मनोज रावत, पार्षद सूरजपाल, भक्ति, अर्जुन शास्त्री, डा. पशुपतिनाथ मिश्र, प्रमोद कुमार, वेद प्रकाश, रामवृक्ष सहित समिति के अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।



