लाडो लक्ष्मी योजना : सास से चल रहा झगड़ा बहु के लिए भारी
बहुएं बोली-सास नहीं दे रही आधार कार्ड की कॉपी, कैसे पाऊं लाडो लक्ष्मी योजना का लाभ

हरियाणा सरकार की महत्वाकांक्षी लाडो लक्ष्मी योजना गरीब और जरूरतमंद महिलाओं के लिए वरदान बन सकती है, लेकिन सास-बहू के रिश्तों की खींचतान इसमें बड़ी रुकावट बन गई है। आवेदन के लिए जहां कई दस्तावेज जरूरी हैं, वहीं सास-ससुर का आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। यही शर्त अब बहुओं के सामने सबसे बड़ी समस्या बन रही है।
अख्तर अल्वी
नूंह। हरियाणा सरकार की महत्वाकांक्षी लाडो लक्ष्मी योजना गरीब और जरूरतमंद महिलाओं के लिए वरदान बन सकती है, लेकिन सास-बहू के रिश्तों की खींचतान इसमें बड़ी रुकावट बन गई है। आवेदन के लिए जहां कई दस्तावेज जरूरी हैं, वहीं सास-ससुर का आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। यही शर्त अब बहुओं के सामने सबसे बड़ी समस्या बन रही है।
क्षेत्र की कई महिलाओं ने बताया कि उनकी सास उनसे रार रखती हैं और आधार कार्ड देने से साफ इंकार कर रही हैं। ऐसे में पात्र होने के बावजूद वे योजना का लाभ नहीं उठा पा रही हैं।
एक महिला ने नाराजगी जताते हुए कहा, हम गरीब हैं, घर चलाना मुश्किल है। सरकार मदद दे रही है, लेकिन अगर सास आधार कार्ड ही नहीं दे तो हमारा हक कैसे मिलेगा?
वहीं एक जकराना नाम की महिला ने तंज कसते हुए कहा, योजना तो अच्छी है, लेकिन इसमें परिवार की राजनीति घुस गई है। अगर सास-बहू के रिश्ते ठीक न हों तो गरीब बहू हमेशा वंचित रह जाएगी।
क्या है योजना का मकसद
हरियाणा सरकार ने यह योजना बीपीएल परिवारों की महिलाओं को आर्थिक राहत देने के लिए शुरू की है। योजना का लाभ उन्हीं महिलाओं को मिलेगा जिनकी आय एक लाख रुपये से कम और उम्र 23 वर्ष से अधिक हो। पात्र महिलाओं को सीधे 2100 रुपये की राशि उनके बैंक खाते में भेजी जाएगी। यह पहल खासतौर पर उन महिलाओं के लिए है जिन्हें रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने में कठिनाई आती है। बताते चलें कि भाजपा ने 2024 के विधानसभा चुनावों में अपने संकल्प पत्र में इसको लेकर घोषणा की थी। इसी को अमलीजामा पहनाने के लिए सरकार अब अपने किए वायदे को पूरा कर रही है।
दस्तावेज और ऑनलाइन प्रक्रिया
योजना का लाभ पाने के लिए बीपीएल कार्ड, फैमिली आईडी में एक लाख से कम आय, बैंक पासबुक, बिजली बिल, निवास प्रमाण पत्र, माता-पिता व सास-ससुर के आधार कार्ड जरूरी हैं। आवेदन प्रक्रिया लाडो लक्ष्मी एप के माध्यम से ऑनलाइन की जा रही है।
सरकार ने घोषणा की है कि आर्थिक सहायता की राशि पहली नवंबर 2025 से वितरित की जाएगी। हालांकि क्षेत्र की महिलाओं का कहना है कि सास-ससुर के आधार कार्ड को अनिवार्य करने की शर्त ढीली की जानी चाहिए।
उलझा रही हैं शर्तें
समाजसेवी ईसब खान बीवां, एडवोकेट इरशाद बीवां, असलम खान, रणजीत कुमार, दिनेश शर्मा का कहना है, योजना गरीब बहुओं के लिए बनी है, लेकिन शर्तें उलझा रही हैं। यह समस्या घर-घर की हैं, महिलाओं के आपस में संबंध घरेलू कलह की वजह से बिगड़े हुए हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह सास-ससुर के आधार कार्ड को वैकल्पिक करे, ताकि किसी भी बहू का हक न
छिने।