स्पेशल न्यूज

Desh Rojana Bureau

पुष्कर मेले में 23 करोड़ का भैंसा, 15 करोड़ का घोड़ा

राजस्थान की सुनहरी रेत के बीच बसा एक छोटा-सा शहर  पुष्कर, जिसे लोग “आस्था की धरती” कहते हैं। कहा जाता है, जब भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि रची, तो उनके हाथ से एक कमल का फूल गिरा, और जहाँ वह कमल गिरा  वहीं बनी पुष्कर झील। झील के किनारे बना है ब्रह्मा जी का विश्व प्रसिद्ध मंदिर,जो पूरे संसार में एक अकेला ब्रह्मा मंदिर है। सुबह-सुबह मंदिर की घंटियाँ बजती हैं, आरती की आवाज़ झील के पानी में गूंजती है, और पूरा वातावरण भक्ति से भर जाता है। लेकिन पुष्कर की पहचान सिर्फ धर्म से नहीं यह लगता है हर साल कार्तिक पूर्णिमा  के समय दुनिया का सबसे बड़ा और रंगीन पुष्कर मेला। यह मेला सिर्फ पशुओं का नहीं, यहाँ आता है पूरा राजस्थान अपनी पूरी शान के साथ। यह मेला सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि राजस्थान की संस्कृति, संगीत और रंगों का उत्सव है।
देश  राज्य  धर्म संस्कृति  व्यापार  राजस्थान  सैर सपाटा